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गठबंधन बनाम ठगबंधन

गठबंधन बनाम ठगबंधन  पूरा अस्तबल बेचकर विषकन्या कांग्रेस घोड़े बेचके नहीं सो सकती।बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी ?लंका में सब बावन गज के हैं। भूकंप आते ही घोड़े अस्तबल से भाग जाएंगे। एक पखवाड़े के भीतर बहुमत सिद्ध करना है। कल शपथ ग्रहण समारोह के बाद मंत्रिपद का बंटवारा कब तक रोकेंगे। चार उचक्के चालीस चोर सांसदों वाली विषकन्या कोंग्रेस कब चैन की नींद लेगी इसका वर्तमान ठगबंधन में कोई निश्चय नहीं।   आखिर चुनाव पूर्व गठबंधन का तो वर्तमान राज -नीतिक धंधे में प्रावधान है लेकिन ठगबंधन का कोई ज़िक्र नहीं है। यह ठगबंधन पूर्व में नेहरुपंथी अब विषकन्या कही जाने वाली कांग्रेस की मौलिक खोज है।  करतम सो भोगतम। जो बोवोगे वही काटोगे। बोया पेड़ बबूल का तो छाँव कहाँ से पाय ?  

संसद ठप्प करने का काम (२ )-डॉ. वागीश मेहता ,राष्ट्रीय विचारक ,भारतधर्मी समाज।

संसद ठप्प करने का काम (२ )-डॉ. वागीश मेहता ,राष्ट्रीय विचारक ,भारतधर्मी                                               समाज।                  (१ ) संसद ठप्प करने का काम , ऊपर से आया पैगाम , हम तो चाकर बिना दाम के , कहते आला जिसे कमान।                    (२ ) नामित निर्वाचित कर भेजा , किया साथ में ये फरमान , ऐसी -तैसी सबकी कर दो , देश का जीना करो हराम।  अरे उचक्कों कुछ तो कर दो , दहले पर नहला ही जड़ दो।   आस और विश्वास  है दोनों , ढाई चावल का बढ़ेगा दाम।  जिस मुखबिर को पाक में भेजा , वह लाया था यह पैगाम।  हल्ला हल्ला हो -हल्ला बस , करो इसे आदेश मानके , अफवाहों में पैर लगा दो , भ्रम हिंसा उलटी खबरें , सेकुलर घोड़े बिना लगाम। , संसद को कर दो हलकान।                ...