संसद ठप्प करने का काम (२ )-डॉ. वागीश मेहता ,राष्ट्रीय विचारक ,भारतधर्मी समाज।

संसद ठप्प करने का काम (२ )-डॉ. वागीश मेहता ,राष्ट्रीय विचारक ,भारतधर्मी                                               समाज। 
                (१ )

संसद ठप्प करने का काम ,

ऊपर से आया पैगाम ,

हम तो चाकर बिना दाम के ,

कहते आला जिसे कमान। 

                  (२ )

नामित निर्वाचित कर भेजा ,

किया साथ में ये फरमान ,

ऐसी -तैसी सबकी कर दो ,

देश का जीना करो हराम। 

अरे उचक्कों कुछ तो कर दो ,

दहले पर नहला ही जड़ दो।  

आस और विश्वास  है दोनों ,

ढाई चावल का बढ़ेगा दाम। 

जिस मुखबिर को पाक में भेजा ,

वह लाया था यह पैगाम। 

हल्ला हल्ला हो -हल्ला बस ,

करो इसे आदेश मानके ,

अफवाहों में पैर लगा दो ,

भ्रम हिंसा उलटी खबरें ,

सेकुलर घोड़े बिना लगाम।
,

संसद को कर दो हलकान। 

               (३ )

कंकर मणि भयंकर नाम ,

सावरकर का नाम हटाया ,

किया शहीदों का अपमान। 

यूं पीढ़ी -दर -पीढ़ी उसके ,

पुरखे करते थे यह काम। 

हो अँगरेज़ या मुगली मालिक ,

कदम बोसी कर खबरें देना ,

और झुककर फर्सी सदा सलाम। 

                  (४ ) 

हल्ला करते बिना प्रयोजन ,

और न लेते अल्प विराम। 

हाई -कमान की ऐसी मंशा ,

हम तो ताबे हुकुम गुलाम।

वर्ण -सांकरी वंश हमारा ,

गूगल दर्ज़ हैं सभी प्रमाण। 

गाज़ी कौन ,कौन गंगाधर ,

क्योंकर डीएनए पहचान। 

प्रस्तुति :वीरुभाई (वीरेंद्र  शर्मा ) 





             

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