चौदहवीं सदी की जहालत
चौदहवीं सदी की जहालत
जाधव प्रसंग पर हमारे विश्लेषक पाक की चौदहवीं सदी की जहालत को न देख कर उसके द्वारा किये गए भारत राष्ट्र के अपमान को जाधव की पत्नी और उसकी माँ का अपमान बतला रहें हैं।
पाकिस्तान कह रहा है लो मैं आज भी वही कर रहा हूँ जो पहले करता था क्योंकि मैं जानता हूँ इस प्रसंग पर तुम आपस में ही लड़ोगे।
संसद के दोनों सदनों में एक ही शोर है -मोदी कुछ नहीं कर सके। कैसे संवेदनहीन हो गए हैं ये सांसद इन्हें इस घटना में भी भारत राष्ट्र का अपमान नहीं 'मोदी कुछ नहीं कर सके'ही नज़र आता है।
इनकी गति आज ऐसी है के दिल्ली में भी बम गिर जाए तो ये कहेंगे मेरा घर तो बच गया।
और वह मणिशंकर एयर उसकी हालत तो यह है भले इतिहास में उसका नाम जैचंद और मीरजाफर के रूप में और उससे भी पहले आम्भि नरेश के रूप में न लिखा जाए जिसने सिंकंदर से मिलकर पौरुष पे हमला किया था ,ख्याति यह मणिशंकर अय्यर भी बहुत अर्जित कर चुका है उस एक घटना से जब लोग इसके चित्र पर जूते चप्पल बरसा रहे थे और यह कह रहा था यह चित्र मेरा है ही नहीं।
हमें हैरानी इस बात पर है पाकिस्तान में लाहौर चौक में इसकी अभी तक कोई प्रतिमा पाक ने क्यों नहीं लगाईं। बड़ा कृतघ्न है पाक उसे कमसे कम ऐसा तो करना ही चाहिए थे उसके ऐसा न करने पर कांग्रेसियों में बड़ा रोष है।
मणिशंकर हर युग में होता है इस युग में अब मार्क्सवाद के बौद्धिक भकुओं को भी मणिशंकर ही कहा जाएगा जो मुखबिरी करने में पूर्व के सभी मुखबिरी नरेशों से आगे निकल चुका है।
ये मणिशंकर तो नायकों का भी महानायक निकला भले इसे गद्दारी करने के लिए कहीं से कोई अलंकरण न मिला हो भारतवासी इसकी इस कूवत से वाकिफ हैं ,ये कभी चुप होकर नहीं बैठता मुद्दा चाहे जाधव का हो या कुछ और।जय जय मणिशंकर मूढ़ मते।
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