Posts

Showing posts from September, 2018

रामु गइओ रावनु गइओ जा कउ बहुपरवार। कहु नानक थिरु कछु नही सपने जिउ संसारि।

Image
रामु गइओ रावनु गइओ जा कउ  बहुपरवार।   कहु नानक थिरु कछु नही सपने जिउ संसारि।  (नौवां महला श्री गुरुग्रंथ साहब सलोक ५० ) कबीर भजन -गायक श्री छन्नू लाल मिश्रा  कबीर बारहा चेताते हैं जीवन की क्षणभंगुरता निस्सारता की ओर  ध्यान आकर्षित करते हुए कहते हैं :प्राणी तू मृत्यु को क्यों भूले बैठा है यहां जो आया है वह जाएगा कोई भी उमर पट्टा लिखा कर नहीं आया है। यह जीवन तुझे जप तप दान के लिए मिला है। तेरे अच्छे काम ही तेरे साथ जाएंगे। यहां पुण्य के प्रतीक राम और पाप के प्रतीक रावण दोनों ही गए। तुझे अब  पुण्य और पाप दोनों के पार जाना है। भवसागर के पार जाना है।  जीवन मृत्यु चक्र से मुक्ति पाने के लिए तेरे पास बस  एक ही उपाय है ,जिभ्या से राम राम जप। अब तो चेतो प्राणी मृत्यु आसन्न खड़ी है ,बीच धार में डूब के मर जाएगा तू। जीवन व्यर्थ गंवाया है तूने अब पछताता क्यों है। सारा जीवन चोग भोग में बिता दिया भौतिक संशाधनों को जुटाने में ही तू उलझा रहा। साथ तेरे कुछ और नहीं जाना है।  गुरुगोविंद साहब ने कहा था - ...

दशम ग्रन्थ क्यों ?

दशम ग्रन्थ क्यों ? दशमग्रंथ प्रतिरक्षा विभाग का स्वरूप था तत्कालीन भारत का। खालसा उसकी फौज थी। यहां रणनीति युद्धनीति शस्त्रनीति ,शास्त्रनीति  सब कुछ बखान की गई है। जोश की वाणी है श्री दशम गुरुग्रंथ साहब। यहां शस्त्र को भगवान् का दर्ज़ा प्राप्त है वही सबका प्रतिरक्षक है। प्रतिपालक है।  यहां "जाप साहब "पहली वाणी हैं  ,अकाल उसतति दूसरी जिसमें परमात्मा की  स्तुति है उसकी सिफत का गायन है उसके तमाम नामों का  बखान किया गया है पहली वाणी जाप साहब में ।  यह वैसे ही जैसे विष्णुसहस्त्र नाम और इस्लाम के अंतर्गत अल्लाह के ९९ नामों का बखान है।  वाह! गुरु के ,परमात्मा के इसी गुणगायन यशोगान से पैदा होती है 'भगौती' (देवी भगवती ,आद्या शक्ति चंडी अनेक शक्ति रूपा दुर्गा )परमात्मा की एक शक्ति का ही नाम यहां 'भगौती' है यहां वही  'पंज ककार 'धारण कर खालसा बन जाती है।  बाबा आदम से बना है 'आदमी' और सब आदमियों का आदमियत का यहां  एक ही धर्म है कोई वर्ण ,भेद रंग, भेद जाति,पंथ भेद नहीं है  ।  मनु से ...

दोस्तों ये सावधान रहने का वक्त है, जो राहुल गांधी भोले की आँखों में धूल झौंक सकता उसके लिए भारत और भारत धर्मी समाज क्या चीज़ है

Image
*राफेल* *_बात शुरू होती है वाजपेयी सरकार से तब अटलजी के विशेष अनुरोध पर भारतीय वैज्ञानिकों ने ब्रम्होस मिसाइल तैयार की थी जिसकी काट आजतक दुनिया का कोई देश तैयार नही कर सका है। विश्व के पास अबतक ऐसी कोई टेक्नोलॉजी नही जो ब्रम्होस को अपने निशाने पर पहुंचने से पहले रडार पर ले सके। अपने आप मे अद्भुत क्षमताओं को लिये ब्रम्होस ऐसी परमाणु मिसाइल है जो 8000 किलोमीटर के लक्ष्य को मात्र 140 सेकेंड में भेद सकती है। और चीन के लिये यह लक्ष्य भेदन क्षमता ही सिरदर्द बनी हुई है। न चीन आजतक ब्रम्होस की काट बना सका है न ऐसा रडार सिस्टम जो ब्रम्होस को पकड़ सके।_* _अटलजी की सरकार गिरने के बाद सोनिया के कहने पर कांग्रेस सरकार ने ब्रम्होस को तहखाने में रखवाकर आगे का प्रोजेक्ट बन्द करवा दिया जिसमें ब्रम्होस को लेकर उड़ने वाले फाइटर जेट विमान खरीदने फिर देश में तैयार करने की योजना थी जो अधूरा रह गया। दस वर्षों बाद जब मोदी सरकार आई तब तहखाने में धूल गर्द में पड़ी ब्रम्होस को संभाला गया वह भी तब! जब मोदी खुद भारतीय सेना से सीधा मिले तो सेना ने व्यथा बताई कि हमारे पास हथियारों की बेहद कमी है...